बैजनाथ-पपरोला नगर पंचायत अध्यक्ष की शिकायत पर आया बड़ा फैसला, आप भी जानिए
बैजनाथ। नगर पंचायत बैजनाथ-पपरोला की अध्यक्ष कांता देवी व उपाध्यक्ष वेदना देवी की गैरमौजूदगी में 28 अप्रैल को सचिव नगर पंचायत द्वारा करवाई गई बैठक में पास किए गए सभी प्रस्तावों को निदेशक शहरी विकास ने रद कर दिया है। निदेशक शहरी विकास गोपाल चंद की तरफ से इसके लिए बाकायदा 20 जून को आदेश जारी किए गए हैं। इसमें नगर पंचायत की बैठक को लेकर सभी नियमों का हवाला दिया गया है। आदेश में साफ कहा गया है कि उक्त बैठक में नियमों का उल्लंघन हुआ है, ऐसे में उक्त बैठक में लिए गए सभी निर्णयों को रद किया जाता है। उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत बैजनाथ-पपरोला की महिने की पांच तारीख को बैठक होती है। नगर पंचायत बैजनाथ पपरोला में 13 अप्रैल को नए सचिव ने कार्यभार संभाला। इसके बाद 28 अप्रैल को उन्होंने नगर पंचायत के कूड़े कचरे के खत्म हो रहे टेंडर तथा बिनवा नदी के किनारे बनी कूड़े की डपिंग साइट से कूड़े कचरे को नदी में जाने से रोकने के लिए एक दीवार तथा शैड बनाने के लिए प्रस्ताव पारित करने के लिए बैठक रखी। इसके लिए बाकायदा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित सभी पार्षदों को बुलाया गया।
लेकिन बैठक में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित कुछ पार्षद नहीं पहुंचे। सचिव ने उसके बावजूद नियमों का हवाला देकर पार्षद आशा भाटिया को बैठक के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर बैठक आयोजित कर बैठक में कुछ निर्णय पारित किए। अध्यक्ष कांता देवी ने इस मसले पर अपना विरोध जताया, उन्होंने कहा कि इस बैठक को एकदम से रखा गया था तथा उनके तथा उपाध्यक्ष वेदना कुमारी के रिश्तेदारी में हुए किसी निधन के कारण वे बैठक में नहीं आ रही थी, इसकी जानकारी उन्होंने दी थी। फिर भी इस बैठक को करवाया गया। जबकि बैठक में पूरे पार्षद भी नहीं थे। कांता देवी ने निदेशक को भेजी अपनी शिकायत में कहा था कि उक्त बैठक में दो पार्षद मुकेश शर्मा व राजन चौधरी उपस्थित नहीं थे और उनके हस्ताक्षर घर में जाकर लिए गए थे। इस मामले में उन्होंने निदेशक व एसडीएम बैजनाथ को भी शिकायत भेजी थी। लेकिन कोई कार्रवाई तुरंत नहीं हुई। इसके बाद अध्यक्ष कांता देवी ने इसको लेकर हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में जबाव मांगने के साथ ही निदेशक यूडी ने इस बैठक को तुरंत प्रभाव से रद करने के आदेश जारी किए। उधर, सचिव नगर पंचायत आदित्य चौहान ने इसकी पुष्टि की है।
सच्चाई की हुई जीत : कांता देवी
अध्यक्ष कांता देवी ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। इस बैठक के लिए सभी नियमों को दरकिनार किया गया था। इसे एक लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी ठेस पहुंची थी। पार्षदों व यहां की जनता के मान सम्मान को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में जाने का निर्णय लिया था। इसी बीच निदेशक शहरी विकास ने 28 अप्रैल की बैठक में पारित किए गए सभी प्रस्तावों को रद कर दिया है। इस बैठक में पूरे हाउस के बिना ही कई प्रस्ताव पारित कर दिए गए थे। जोकि नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन था।